मौसम: तीन जिलों के लिए विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट, आने वाले 12 घंटों में अधिकतर जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान

भारी बारिश ने जनजीवन किया प्रभावित, जगह-जगह भूस्खलन से प्रदेश में तीन हाईवे कई घंटे तक रहे ठप्प

आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकतर स्थानों में बीती रात से बारिश का दौर जारी है। बुधवार दोपहर बाद हालांकि यह दौर रूक-रूक कर जारी रहा। मौसम विभाग ने आने वाले 12 घंटे के दौरान प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया है। शिमला, सोलन व सिरमौर जिला में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। शिमला में बारिश के साथ धुंध छाई हुई है। ताजा मौसम के बदलाव के बाद समूचे प्रदेश में उमस से राहत मिली है। बुधवार को शिमला का तापमान 17.1 पहुंच गया है।

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मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले 12 घंटों के दौरान प्रदेश के अधिकतर जिलों में भारी बारिश होगी। साथ ही गर्जन के साथ बिजलीं गिरने की भी  संभावना है। मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने इस दौरान भारी बारिश के चलते शिमला और सोलन जिला में भूस्खलन  व पेडों के गिरने की आशंका जाहिर की है। लोगों को गाड़ी चलाते व पैदल चलते समय एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। 10 व 11 जुलाई से फ़िर एक बार भारी अलर्ट जारी किया गया है।

बीते 24 घंटों के दौरान जतौन बैरेज में सर्वाधिक 73 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा अम्ब में 46, बैजनाथ में 38, संगड़ाह में 35, रोहड़ू में 34, रेणुका में 24, हमीरपुर में 22, भोरंज व भराड़ी में 20, पालमपुर में 19, बरठीं व कमारसैन में 15, जोङ्क्षगद्रनगर में 14, गोहर व बिलासपुर में 12, बलद्वाड़ा में 11 तथा मशोबरा व काहू में 9 मिलीमीटर बारिश हुई। शिमला में मंगलवार को अधिकतम तापमान 22.7, सुंदरनगर में 33, भुंतर में 33.6, कल्पा में 24, धर्मशाला में 29.8, ऊना में 35.4, नाहन में 28.2, केलांग में 24.1, पालमपुर में 28.5, सोलन में 30.4, मनाली में 28, कांगड़ा में 32.7, मंडी में 34.2, बिलासपुर में 34, हमीरपुर में 33.8, चम्बा में 32.9, डल्हौजी में 20.6, कुफरी में 22.7 और जुब्बड़हट्टी में 26.3 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया।
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मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि आगामी 13 जुलाई तक राज्य में मानसून के सक्रिय रहने से बारिश का दौर जारी रह सकता है। उन्होंने 10 व 11 जुलाई को मैदानी तथा मध्य पर्वतीय इलाकों में गरज के साथ भारी बारिश और आसमानी बिजली कड़कने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य 10 जिलों में खराब मौसम का यैलो अलर्ट जारी किया गया है।
वहीं बीते 12 घंटे के दौरान प्रदेश में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन प्रभावित कर दिया है। बुधवार को जगह-जगह पहाड़ दरकने से हुए भूस्खलन के कारण प्रदेश में तीन हाईवे कई घंटे तक ठप रहे। कालका-शिमला, भरमौर-पठानकोट और जोगिंद्रनगर-सरकाघाट हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं।  इसके अलावा कई भागों में पेड़ गिर गए हैं।
भूस्खलन से कई स्थानों पर मकानों को भी खतरा पैदा हो गया है। बुधवार को प्रदेश के अधिकतम तापमान में पांच से छह डिग्री की कमी दर्ज हुई। प्रदेश के मध्य पर्वतीय जिलों शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू और चंबा के कई क्षेत्रों में 12 जुलाई तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। पूरे प्रदेश में 14 जुलाई तक बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है।
मंडी जिला में जोगिंदरनगर-सरकाघाट राज्य मार्ग पांच घंटे ठप रहा। चट्टानें गिरने से बुधवार सुबह छह बजे यह मार्ग बाधित हो गया, जिसे 11 बजे बहाल किया गया। सुबह छह बजे से बाधित सड़क को 11 बजे बहाल किया गया। सड़क पर गिरे बड़े-बड़े पत्थरों को जेसीबी की मदद से हटाया गया। मार्ग बाधित रहने के समय सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।  पूर्व लोनिवि मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर भी इस मार्ग पर फंस गए।
लाहौल की ऊंची चोटियों पर बर्फ के फाहे गिरे हैं। ब्यास समेत घाटी के नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 10 और 11 जुलाई को प्रदेश में भारी बारिश और अंधड़ का येलो अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश से ब्यास समेत घाटी के नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है। जिला प्रशासन ने लोगों को नदी-नालों के पास न जाने की हिदायत दी है। भूस्खलन से 20 किलोमीटर लंबा बंजार-बठाहड़ मार्ग करीब 10 घंटे तक बंद रहा।
वहीं कांगड़ा जिले के उपमंडल ज्वालामुखी की तहसील खुंडियां के प्राचीन सिद्ध बाबा मंदिर में मंगलवार को तूफान के कारण बिजली के तार टूट गए, वहीं बिजली का खंभा भी टूट गया। इसके साथ वहां लगी स्ट्रीट लाइट को भी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा सिद्ध बाबा मंदिर में बने हाल पर भी एक पेड़ गिर गया है। कमेटी के प्रधान राकेश ने बताया कि तूफान और बारिश से मंदिर हाल को काफी नुकसान पहुंचा है।
सोलन में बारिश के बाद कालका-शिमला एनएच पर पहाड़ दरकने से मंगलवार रात को भारी भूस्खलन हुआ। इससे एक तरफ का मार्ग बाधित हो गया। हालांकि दूसरी तरफ का मार्ग बहाल रहा। इससे आवाजाही सामान्य रूप से चलती रही।