एपीजी विश्वविद्यालय प्रशासन ने फर्जी डिग्री की अफवाहों पर जताया विरोध

प्रशासन ने की विशेष मीडिया वर्ग पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। स्थानीय एपीजी शिमला विश्वविद्यालय पर एक विशेष मीडिया वर्ग की झूठी व अफवाह भरी खबर को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने भारी एतराज़ व विरोध जताया है और मीडिया के एक वर्ग द्वारा एक बार फिर एपीजी विश्वविद्यालय पर दो सौ फ़र्ज़ी डिग्रियों का झूठ का खबरों व सोशल मीडिया में आरोप लगाया है जो कि बिना तथ्यों व सबूतों के सरासर गलत व निराधार है।
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विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस विशेष मीडिया वर्ग पर कानूनी कार्यवाही करने की मांग जल्द से जल्द उठाने की मांग की है और आम मीडिया के लोगों से भी अपील की है कि सच का साथ दें ताकि विश्वविद्यालय को इंसाफ मिल सके और विश्वविद्यालय के छात्रोंए शिक्षको व कर्मचारियों के मनोबल को ठेस न पहुंचे। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोण् रमेश कुमार चौधरी ने कहा कि यह विशेष मीडिया वर्ग आये दिन सोशल मीडिया में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय को दूसरे निजी विश्वविद्यालयों के फर्ज़ीवाड़े के प्रकरण को एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के साथ जोड़कर यह दिखाना चाहता है कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय ने दो सौ डिग्रीयो का फर्जीवाड़ा किया है जो कि तथ्यहीन है।
कुलपति चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड की जांच एसआईटी कर रही है और अभी तक कुछ भी फर्जीवाड़ा सामने नहीं आया है और इससे पूर्व भी समय समय पर कमीशन व सरकार को रिकॉर्ड का ब्यौरा भेजते रहे हैं। कुलपति रमेश कुमार चौधरी ने कहा कि लोकडौन के दौरान एसआई ने रिकॉर्ड मंगा था तो एस आई टी को रिकॉर्ड सौंप दिया था और विश्वविद्यालय का स्टाफ व विभागाध्यक्ष लोकडौन के दौरान घर पर होने पर कुछ रिकॉर्ड एस आई टी को देना था जिसे अब लोकडौन खुलने पर दे दिया जाएगा। कुलपति चौधरी ने विरोध जताते हुए कहा कि आज तक कोई मीडिया विश्वविद्यालय में जांच करने नहीं आई न तो ये झूठ व फरेब का आरोप लगाने वाला एक विशेष मीडिया वर्ग ।
कुलपति ने जोरदार विरोध किया है कि इस विषेष मीडिया वर्ग ने सही खबर को छोड़ छात्र समुदाय, शिक्षकोँ और आम जनता को जानबूझकर बिना तथ्यों को जाने बिना गुमराह करने की कोशिश कर रहा है जो कि एक जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है और यह मानहानि का मुकदमा भी बनता है। कुलपति चौधरी ने इस मीडिया वर्ग को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि विश्वविद्यालय के खिलाफ अफवाहें फैलाना बंद नहीं किया तो विश्वविद्यालय प्रशासन को जल्द ही मानहानि के मुकदमा दायर करना होगा।

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