विशेष: सुरेश कश्यप की नियुक्ति के साथ भाजपा ने साधा जातीय समीकरण, मुख्यमंत्री की सहमति के बाद नड्डा ने लगाई मुहर

भाजपा ने पहली बार किया एससी वर्ग से प्रदेशाध्यक्ष का चयन, गुटबाजी पर लग सकेगी लगाम

देविन्द्र सिंह
शिमला। हिमाचल भाजपा को आखिर प्रदेशाध्यक्ष मिल गई गया।लगभग दो महीने केइंतजार के बाद जो नाम सामने आया वो कई नामों के सुर्खियों में रहने के बाद और कई दिग्गजों के प्रदेश अध्यक्ष बनने की अटकलों के बाद सामने आया है। जाहिर सी बात है कि संगठन और हाई कमान ने एक ऐसे चेहरे पर भरोसा जताया है जो फिलहाल किसी गुट का नही माना जाता और इस नियुक्ति के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और मजबूत बनकर उभरेंगे।
बताया जा रहा है कि यहां से प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए भेजे गए नामों की सूची में सुरेश कश्यप का कहीं जिक्र तक नही था। ऐसे में ये नियुक्ति एकदम से हो गई हो ऐसा भी नही है। सुरेश कश्यप पर अभी तक किसी गुट विशेष का ठप्पा नही लगा है। उनके संबंध भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, संगठन मंत्री पवन राणा सहित बाकी के नेताओं से भी अच्छे हैं।
सुरेश कश्यप अपने मिलनसार व्यक्तित्व व वायु सेना में कई सालों की सेवाएं देने के बाद अपने अनुशासन के लिए भी जाने जाते हैं। पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में इन्होंने 2012 में कांग्रेस के दिग्गज नेता गंगू राम मुसाफिर को हराया और 2017 के चुनावों में भी अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा। वर्तमान में सुरेश कश्यप शिमला संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सांसद हैं।
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ऐसे में इस नियुक्ति के साथ भाजपा हाई कमान का संदेश साफ है कि अब किसी तरफ की गुटबाजी को तरजीह नही दी जाएगी। माना जा रहा है कि इस नियुक्ति से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी खुश हैं। उन्हीं की सहमति के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने सुरेश कश्यप के नाम पर मुहर लगाई है।
प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ है कि अपने शीर्ष पद पर भाजपा ने एससी समुदाय के किसी व्यक्ति की ताजपोशी की है। इशारा साफ है कि भाजपा आने वाले चुनावों में खुलकर दलित कार्ड खेलेगी।
अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग में हिमाचल 26 प्रतिशत जनसंख्या प्रतिशतता के हिसाब से देश मे दूसरा स्थान रखता है जबकि पंजाब पहले स्थान पर आता है। प्रदेश में कर्मचारियों में भी इस वर्ग से खासी अच्छी जनसंख्या कार्यरत है।
भाजपा ने संसदीय क्षेत्र के हिसाब से इस से पहले के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव सिरमौर से किया था। अब भी इसी जिले को संगठन में प्रतिनिधित्व दिया गया है। साथ ही ये पद भी शिमला संसदीय क्षेत्र के पास ही सुरक्षित है।
माना जा रहा है कि भाजपा चारों संसदीय क्षेत्रों में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कवायद में जुटी है। शिमला संसदीय क्षेत्र से संगठन में शीर्ष पद, हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद अनुराग ठाकुर केंद्र में हिमाचल के प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जबकि मंडी संसदीय क्षेत्र से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खुद प्रदेश सरकार के मुखिया हैं।
अब भाजपा के पास कांगड़ा-चम्बा संसदीय क्षेत्र बचता है जिसे प्रदेश मंत्रिमंडल में जगह देकर संतुलन बनाने की भाजपा की कोशिश रहेगी। अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद अब मुख्यमंत्री जल्द मंत्रिमंडल विस्तार की घोषणा भी कर सकते हैं। इसी मंत्रिमंडल विस्तार में असन्तुष्ट चल रहे सबसे बड़े जिले को संतुष्ट करने की।कोशिश भाजपा करेगी।

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