मनाली के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नग्गर के शरण गांव को हैंडलूम क्राॅफ्ट विलेज में किया गया शामिल

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

कुल्लू।  भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर मनाली के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नग्गर के अंतर्गत शरण गांव को हैण्डलूम क्राॅफ्ट विलेज में शामिल किया गया। इस अवसर पर पतली कूहल स्थित तिब्तियन स्कूल के सभागार में समारोह का आयोजन किया गया।

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डाॅ. ऋचा वर्मा ने कहा कि कुल्लू जिला के लिये ये गौरव की बात है कि यहां के शरण गांव को क्राफ्ट हैण्डलूम विलेज के तौर पर विकसित करने के लिए देश के तीन गांवों में चुना गया है। इस गांव में मूलभूत सुविधाओं के सृजन तथा सौंदर्यीकरण पर लगभग 1.40 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। गांव में भव्य हैण्डलूम सुविधा केन्द्र का निर्माण किया जाएगा। इसमें तैयार किए गए उत्पादांे को प्रदर्शित किया जाएगा। बुनकरों के लिए प्रशिक्षपण केन्द्र का निर्माण किया जाएगा तथा सैलानियों को स्वयं बुनाई करने के अनुभव की सुविधा प्रदान की जाएगी।

उन्होंने कहा कि शरण अपने आप में एक ऐतिहासिक गांव है और क्राफ्ट हैण्डलूम विलेज के तौर पर विकसित होने पर इस क्षेत्र को राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त होगी जिससे यहां पर्यटन गतिविधियां बढ़ेंगी साथ ही लोगों की आर्थिकी को संबल मिलेगा।
उपायुक्त ने कहा कि शरण गांव के लोग प्राचीन समय से खड्डी पर बुनाई का काम करते आए हैं। सर्दी ज्यादा होने के कारण अपने पूरे परिवार को घरों में ही ऊनी वस्त्र तैयार किए जाते हैं। ऊन का उत्पादन भी लोग स्थानीय तौर पर ही कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांव के सौंदर्यीकरण और मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक व्यापक खाका तैयार किया गया है जिसपर काम भी शुरू हो चुका है। निश्चित तौर पर यह गांव निकट भविष्य में सैलानियों के लिए पंसदीदा स्थल के तौर पर उभरेगा। उन्होंने कहा कि जिला में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। देश-विदेश से आने वाले लाखों सैलानी इन खेलों के प्रति आकर्षित होते हैं। यहां रीवर राफ्टिंग, पैरा ग्लाईडिंग, स्कींईग, आईस स्केटिंग, हैली साईकलिंग जैसी अनेक खेलों का बहुतायत में चलन हैं।
उपायुक्त ने कहा कि कोविड-19 के संकट के चलते इस साल पर्यटन काफी प्रभावित हुआ है, लेकिन सैलानियांे को आने की अनुमति दी जा रही है। लोगों की आर्थिक स्थिति बागवानी पर निर्भर है। इसका विशेष ख्याल रखा गया है।
     डाॅ. ऋचा वर्मा ने इस अवसर पर मंत्रालय की ओर से शरण गांव के 25 बुनकरों को हथकरघा भी वितरित किए।
इससे पूर्व उपायुक्त ने दिल्ली से वर्चुअली जुड़ीं महिला एवं बाल विकास और वस्त्र मंत्री स्मृति जूबिन ईरानी का स्वागत किया। उन्होंने कांगड़ा के देहरा से वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर तथा उद्योग, श्रम एवं रोजगार व परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का भी स्वागत किया।

जिला परिषद सदस्य एवं उपाध्यक्ष प्रदेश भाजपा धनेश्वरी ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा कि जिला में हथकरघा और हस्तशिल्प की अपार संभावना है और इस क्षेत्र में विशेषकर महिलाओं के लिए काफी रोजगार हैं। उन्होंने कहा कि शरण गांव की तर्ज पर जिला के अन्य गांवों को भी हथकरघा विलेजिज में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत से गांव है जिला में जहां महिलाएं अपने घरों में पारम्पारिक खड्डियों में बुनाई का काम करती है और सर्दी ज्यादा होने के कारण पूरे परिवार के लिए गर्म कपड़ों की स्वयं व्यवस्था करती हैंे। उन्होंने कहा कि शरण गांव को ज्येष्ठ मलाणा भी कहा जाता है। गांव में महर्षि जमदग्नि तथा उनकी भार्या रेणुका के प्राचीन व भव्य मंदिर विराजमान है। यहां के लोगों की दिनचर्या देवी-देवताओं के नाम से शुरू होती है। उन्होंने कहा कि शरण गांव के ऐतिहासिक स्वरूप को यथावत् बनाए रखा जाना चाहिए। पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह, मुख्य सलाहकार एपीएमसी रमेश शर्मा, जिला भाजपा महामंत्री अखिलेष कपूर तथा शरण गांव की महिला बुनकर भी समारोह भी उपस्थित रहीं।