किन्नौर के सांगला के समीप खराला में आई बाढ़ की चपेट में आये बगीचे तबाह, बाल-बाल बचे नेपाली मजदूर

स्थानीय लोगों की मदद से किया गया मजदूरों का रेस्क्यू, सरकार से की सहायता की मांग

विशेषर नेगी
किन्नौर। ज़िला के सांगला घाटी में बटसेरी गाँव के समीप खरोगला नाले में बाढ़ आने से बटसेरी गाँव के ग्रामीणों के सेब के बगीचों को भारी नुकसान पहुँचा है। खरोगला नाले में बाढ़ के चलते बास्पा नदी का जल स्तर काफी बढ़ा है। जिस कारण नदी पार सिंचाई विभाग के मजदूर फंस गए। यह मज़दूर अस्थाई आशियाना बना कर कार्यस्थल पर रह रहे थे। रात को इन मज़दूरों
ने  बाढ़ आते ही जंगल की ओर भाग कर जान बचाई।
सिचाई विभाग के क्रेट लगाने में लगे नेपाली  मज़दूरों को आज कड़ी मशक्त के बाद पुलिस व् स्थानीय लोगों ने बाहर निकाला।  जनजातीय जिला किन्नौर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सांगला के समीप खरोगला नाला में बाढ़ से जंगल और बटसेरी गाँव के लोगों  के सेब से लदे बागों को भी काफी नुक्सान पहंचा है।  बताया जा रहा है किकिन्नर कैलाश की चोटियों में लगातार बारिश के कारण  पहाड़ो से बर्फ पिघलने के साथ अधिक पानी आया जो नीचे आ कर बढ़ का रूप धारण कर गया।
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पिछले वर्ष भी इसी क्षेत्र में बाढ़ आने से लोगो के सेब के बगीचे तबाह हुए थे। बटसेरी गाँव के ग्रामीणों ने बताया कि बीते रात से ही खरोगला नाले में बाढ़ शुरू हुई थी, जो सुबह होते ही बहाव काफी तेज़  होने से खड्ड का पानी लोगो के बगीचों तक पहुंचा।जिस से खरोगला नाले के आसपास के जंगल से पेड़ पौधों समेत बटसेरी गाव के ग्रामीणों के सेब के बगीचे तबाह हुए है।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस व् राजस्व विभाग की
टीम तहसीलदार समेत मौके पर पहुँची है।  तहसीलदार सांगला जयचंद ने बताया इस बाढ़ के कारण करीब एक दर्जन लोगो के दो हेक्टेयर क्षेत्र में बगीचों को नुकसान पहुंचा है।  नुक़्सानियो का आंकलन अभी जारी है।
वही बटसेरी पंचायत के पूर्व उपप्रधान राकेश लोक्टस ने बताया बीती रात खराला नाले में बाढ़ आई है , जिस से लोगो के सेब बाग़ नष्ट हो गए। उन्होंने बताया इस क्षेत्र को बार बार फ्लड आने से नुक्सान पहुंच रहा है, लोगों के लाखों के सेब नष्ट हो रहे है।  सरकार प्रभावितो को तुरन्त सहायता प्रदान करे और फ्लड को रोकने के लिए सही तरह से चैनेलाइजेशन हो।

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