हिमाचल कैबिनेट: प्रदेश के कॉलेजों 16 अगस्त के बाद शुरू होंगी परीक्षाएं, बैठक में कर्मचारियों, विद्यार्थियों और आम जनता के लिए लिए गए हैं कई अहम फैसलें, आप भी जानें…. 

बैठक में बड़ी संख्या में विभिन्न पदों को भरने का भी लिया गया है फैसला 

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 
शिमला। हिमाचल कैबिनेट की बैठक शुक्रवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में बड़ी संख्या में पदों को भरने के अलावा कर्मचारियों, विद्यार्थियों और आम जनता के लिए कई अहम फैसले लिए गए हैं। कैबिनेट ने राज्य सरकार के प्रारंभिक और उच्च शिक्षा विभाग में तैनात अंशकालिक जल वाहकों के मानदेय को 2400 से बढ़ाकर 2700 रुपये प्रति माह कर दिया है। 300 प्रति माह बढ़ाए गए हैं। मंत्रिमंडल ने शिमला में लोक निर्माण विभाग के तहत नए बागवानी खंड खोलने का निर्णय लिया। बागवानी विभाग के वर्तमान सभी उपमंडलों को इस मंडल के प्रशासनिक नियंत्रण में लाया जाएगा। यह नया बागवानी मंडल जैव इंजिनियरिंग तकनीक के माध्यम से सड़क के किनारे पौधरोपण और ढलान स्थिरता जैसी गतिविधियों को सुनिश्चित करके हरित सड़कों के निर्माण में मदद करेगा।
हिमाचल के कॉलेजों में छठे सेमेस्टर की परीक्षाएं 16 अगस्त के बाद ली जाएगी। शुक्रवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यूजीसी की गाइडलाइन को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। शिक्षा विभाग और राज्य विश्वविद्यालय की तैयारियों को लेकर भी मंत्रिमंडल को जानकारी दी गई। शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकार ने 16 अगस्त के बाद परीक्षाएं लेने का फैसला लिया है। जल्द ही इसकी डेटशीट जारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में पीजी की परीक्षाएं सितंबर में होंगी। 13 जुलाई से स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई दोबारा से शुरू की जाएगी। शिक्षकों को जरूरत के हिसाब से बुलाने का फैसला लिया गया है। सरकार ने कॉलेजों में प्रथम वर्ष और स्कूलों में जमा एक कक्षा में दाखिलों को भी 13 जुलाई के बाद शुरू करने को मंजूरी दी। प्रदेश में शिक्षण संस्थान 31 जुलाई तक बंद रखे जाएंगे।
कैबिनेट ने 25 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977 तक आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की सुरक्षा और लोगों के मौलिक अधिकारों के लिए आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम (मीसा) और डीआईआर(डिफेंस ऑॅफ इंडिया) नियम के तहत एक से 15 दिनों तक कैद में रहे लोगों को 8000 रुपये प्रति माह और 15 दिनों से अधिक अवधि तक कैद में रहने वालों को 12000 रुपये प्रतिमाह लोकतंत्र प्रहरी सम्मान राशि के रूप में प्रदान करने का निर्णय लिया है।
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कैबिनेट बैठक में सरकारी स्कूलों में अंशकलीन मल्टीटास्क वर्कर्स की सेवाएं लेने केएक नीति तैयार करने को स्वीकृति दी। इसके तहत शुरुआत में 7852 योग्य बेरोजगारों को स्थानीय स्तर पर मानदेय अर्जित करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। इन कार्यकर्ताओं को अकादमिक वर्ष के दौरान 10 महीनों के लिए छह घंटे के लिए प्रतिदिन 31.25 रुपये प्रति घंटे का मानदेय दिया जाएगा।
कैबिनेट ने देश की सेवा के लिए भारतीय सेना/नौसेना/वायु सेना व अर्द्ध सैनिक बल में शामिल होने के इच्छुक युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए जिला मंडी के सरकाघाट क्षेत्र के बर्चवाड में प्रशिक्षण अकादमी/केंद्र स्थापित करने को अपनी स्वीकृति प्रदान की।
कैबिनेट ने हिमाचल लोक निर्माण विभाग के मैनुअल 2019 और सीपीडब्ल्यूडी के विभिन्न प्रकाशनों को अपनाने की स्वीकृति प्रदान की। इससे पारंपरिक निर्माण विधाओं पर प्रभुत्व हासिल करने के लिए नई उभरती निर्माण तकनीकों को अपनाकर विभाग में बदलाव लाए जाएंगे। यह राज्य लोक निर्माण विभाग के लिए मार्गदर्शक पुस्तक का कार्य करेगा, क्योंकि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के पास महानिदेशक के नेतृत्व में अपना स्वयं का डिजाइन निदेशालय है। कैबिनेट ने ऊना जिले की हरोली तहसील में पल्कवाह खास में हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की ओर से निर्मित कौशल विकास संस्थान को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान को लोक निर्माण विभाग द्वारा मूल्यांकित दरों पर पट्टे पर देने का निर्णय लिया।
विभिन्न अधिनियमों के तहत बनाए जाने वाले रजिस्टरों/प्रपत्रों की संख्या को कम करने और राज्य में विभिन्न श्रम कानूनों की आवश्यकताओं के अनुपालन उपायों के लिए मंत्रिमंडल ने विभिन्न श्रम नियमों के तहत हिमाचल प्रदेश अनुपालन सुगमता रजिस्टर नियम 2019 को अपनाने का निर्णय लिया।
वैश्वीकरण की चुनौतियों का सामना करने और व्यवसाय के तरीकों में नियोक्ता को लचीलापन प्रदान करने की दृष्टि से श्रमिकों को लाभान्वित करने के अतिरिक्त राज्य मंत्रिमंडल ने औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) हिमाचल प्रदेश (संशोधन) नियम-2019 को मंजूरी प्रदान की। औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) अधिनियम, 1946 और इसके बाद बनाए गए नियमों के तहत अपने अधिकार क्षेत्र में औद्योगिक प्रतिष्ठान निश्चित अवधि के रोजगार श्रमिकों के लिए प्रावधान किए गए हैं। यह ‘निश्चित अवधि रोजगार कर्मकार’ को समान वैधानिक लाभ देगा, जो नियमित कर्मचारियों को दिए जा रहे हैं। इससे अनुबंध अधिकारियों का शोषण कम होगा, क्योंकि नियोक्ता बिना किसी मध्यस्थ के निश्चित समय अवधि के लिए श्रमिकों को अनुबंध आधार पर काम पर रख सकेगा।

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