ग्रामीण आर्थिकी सुदृढ़ करने में मील का पत्थर सिद्ध होगी मुख्यमंत्री एक बीघा योजना

योजना के लिए लाभार्थियों ने प्रदेश सरकार का किया धन्यवाद

आदर्श हिमाचल ब्यूरो
ऊना। ‘‘ऊबड़-खाबड़ ज़मीन अब समतल हो रही है। भूमि समतल होने के बाद यहां सब्जि़यां लगाएंगे तथा उन्हें बाज़ार में बेचेंगे।’’ अपने पति और बेटे के साथ एक छोटे से मकान में रहने वाली थानाकलां की संतोष कुमारी प्रसन्नता के साथ यह बात साझा करती हैं। आस्था स्वयं सहायता समूह की सदस्य संतोष कुमारी का कहना है कि फिलहाल परिवार ने घर में आटा चक्की लगा रखी है, जिससे उनका गुज़र-बसर होता है। मुख्यमंत्री एक बीघा योजना का लाभ लेकर अब पूरे परिवार के साथ मिलकर अपने घर के आस-पास की भूमि पर सब्ज़ी तथा फल उत्पादन करेंगे। इस सहायता के लिए वह प्रदेश सरकार की धन्यवादी हैं।
ग्रामीण आर्थिकी सुदृढ़ करने में मील का पत्थर सिद्ध होगी मुख्यमंत्री एक बीघा योजना
ग्रामीण आर्थिकी सुदृढ़ करने में मील का पत्थर सिद्ध होगी मुख्यमंत्री एक बीघा योजना
मुख्यमंत्री एक बीघा योजना के लाभार्थी इस योजना को वरदान मान रहे हैं, जो उनकी त$कदीर बदलने में सक्षम है। जिस भूमि पर वह खेती-बाड़ी नहीं कर सकते थे, अब प्रदेश सरकार की सहायता से वह उस भूमि को खेती-बाड़ी योग्य बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला से 21 मई, 2020 को महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री एक बीघा योजना का शुभारम्भ किया। इस योजना को मनरेगा के साथ जोडक़र ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जाएगा। इस योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों की एक बीघा भूमि को सब्ज़ी तथा फल उत्पादन के लिए बैकयार्ड किचन गार्डन के रूप में तैयार किया जाएगा।
थाना कलां निवासी रमेश चंद ने कहा, ‘‘मेरी भाभी के नाम पर यह योजना स्वीकृत हुई है। भाई की पहले मृत्यु हो चुकी है तथा उनकी एक बेटी है। इस योजना के माध्यम से परिवार का गुज़ारा हो सकता है। छोटे किसानों की सहायता के लिए ऐसी योजना लाने पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का आभार है।’’
योजना का प्रारूप
मुख्यमंत्री एक बीघा योजना के अंतर्गत प्रदेश भर में 5 हज़ार महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लगभग 1.50 लाख महिलाओं को लाया जाएगा। जिसमें प्रत्येक लाभार्थी महिला को मनरेगा के तहत रोज़गार पाने का अधिकार होगा। इसके अलावा महिलाओं के कौशल को बढ़ाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा पहाड़ी भूमि को समतल करने, पानी को चैनेलाइज़ करने, वर्मी कम्पोस्ट पिट स्थापित करने और बीज खरीदने के लिए अनुदान प्रदान किया जाएगा। ट्रेनिंग प्रदान करने के लिए प्रदेश में 300 मास्टर ट्रेनर तैयार किए जा रहे हैं तथा उन्हें राज्य स्तर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है।
कृषि तथा पशु पालन गतिविधियों से जोड़ेंगे
योजना के संबंध में ग्रामीण विकास, पंचायती राज, मत्स्य तथा पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि तथा पशुपालन गतिविधिओं के साथ जोड़ा जाएगा। स्वयं सहायता समूहों को इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। सभी स्वयं सहायता समूह जो जॉब कार्ड धारक हैं, वह इस योजना के तहत एक लाख रुपए का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए संबंधित पंचायतें, प्रस्ताव पारित करने के बाद उनको मनरेगा शैल्फ में शामिल करने के लिए खंड विकास अधिकारी को भेजेंगी।
Ads