साढ़े सात करोड़ की लागत से बनने वाली बल्देयां-मांदर सड़क का काम डेढ़ साल बाद भी नहीं हुआ शुरू

विभाग और ठेकेदार के आपसी तालमेल की कमी से लटक रहा निर्माण कार्य

लोगों ने की अपील … सड़क पूरा करने में लोक निर्माण विभाग करें तुरंत हस्तक्षेप

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। हिमाचल किसान सभा का कहना हैं कि पिछले लगभग 60 सालों से चली आ रही बल्देयां-मांदर सड़क की प्रक्रिया आज भी सिरे नहीं चढ़ पाई है। जबकि पिछले एक साल से सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मिली स्वीकृति के बाद भी आज भी अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाई है। जबकि इससे पूरे क्षेत्र के लोग जो उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन आज इस धीमी को देखते हुए परेशान हो गए हैं। सूत्रों से पता चला है कि लोक निर्माण विभाग तथा ठेकेदार के बीच उचित तालमेल नहीं बन पा रहा है। इसलिए हिमाचल किसान सभा ने इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए सरकार तथा विभाग से इस सड़क को अपने अंतिम लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने करने की मांग की है।
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किसान सभा के पदाधिकारियों डाॅ. कुलदीप सिंह तंवर, सत्यवान पुण्डीर, जयशिव ठाकुर तथा मदनलाल भारद्वाज द्वारा जारी संयुक्त ब्यान के तहत लोक निर्माण विभाग से मांग की है कि क्योंकि यह सड़क अब पी.एम.जी.एस.वाई. के तहत बनाई जा रही है तो इसे पूरा करने की प्रमुख जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग की है, इसलिए ठेकेदार से काम लेना जनता का नहीं बल्कि विभाग का काम है।
ज्ञात हो कि इस बल्देयां-मांदर सड़क के सर्वे की शुरुआत 1962 में हुई थी लेकिन आज तक राजनेताओं द्वारा जनता की ऐसी उठापठक करवाई गई कि आज नेटी क्षेत्र के नाम से जाना जाने वाला यह पूरा क्षेत्र आज तक सड़क सुविधा से वंचित रह गया।
पिछले वर्ष 26 फरवरी, 2019 को किसान सभा तथा क्षेत्र के नौजवानों की सक्रियता से वन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग से कागजी कार्यवाही पूरी करवा कर कुल निर्माण लागत 7 करोड़ 42 लाख रुपये का टेंडर हो चुका था, जिसमें सड़क कटिंग की लागत 4.50 करोड़ रुपये है। और 12 जून को मशीनरी के साथ कार्य शुरू भी हो गया था। हालांकि इस सड़क का विधानसभा चुनावों के चलते 13 सितम्बर 2017 को ही स्थानीय विधायक ने तत्काल्लीन मुख्यमंत्री के माध्यम से ई.उद्घाटन तो करवा दिया था। लेकिन आज सरकार और निर्वाचित विधायक की भूमिका इस पूरे प्रकरण में कहीं भी नजर नहीं आ रही है।
पूरी सड़क का कार्य पूरा होना तो दूर की बात लेकिन किसी भी छोर से 3-4 कि.मी. तक की सड़क भी पूर्ण नहीं हो पाई है जिस कारण ठेकेदार के मुताबिक लम्बित पड़ी राशि भी विभाग से जारी नहीं हुई है। पूरी सड़क अस्त-व्यस्त रूप से पड़ी है जबकि बरसात में और ज्यादा खराब होने की सम्भावना है। हिमाचल किसान सभा ने लोक निर्माण विभाग से इस सड़क को लेकर तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है और कहा हैं कि इसके पूरा होने तक प्राथमिकता के तौर पर निगरानी करें। अन्यथा किसान सभा क्षेत्र के लोगों के साथ मिलकर विभाग के खिलाफ धरने-प्रदर्शन से भी गुरेज नहीं करेगी।

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