प्रदेश अध्यापक संघ ने पीटीए, पैरा व पैट के नियमितीकरण की अधिसूचना का किया कड़ा विरोध

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ पीटीए, पैरा व पैट के नियमितीकरण की अधिसूचना जो आज जारी की है ए उसका कड़े शव्दो विरोध करता है और इस तरह से शिक्षकों के साथ किए जा रहे छलावे को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा एचाहे सरकार से टकराव ही क्यों ना करना पड़े।

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संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान, राज्य चेयरमैन सचिन जसवाल, महासचिव श्याम लाल हांडा, चीफ पैटर्न अरुण गुलेरिया, पैटर्न सरोज मेहताए मनोहर शर्माए दिलेर जामवालए वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव ठाकुर, मुख्य प्रेस सचिव कैलाश ठाकुर, राज्य प्रेस सचिव संजय चौधरी, कमलराज अत्रीए वित्त सचिव देव राज ठाकुरए उपाध्यक्ष गोविन्दर पठानिया सहित समस्त जिला प्रधानों में चंबा के हरि प्रसाद, ऊना के डॉक्टर किशोरी लाल, हमीरपुर के सुनील शर्मा, बिलासपुर के राकेश संधू, शिमला के महावीर कैंथला, कांगड़ा के नरदेव ठाकुर, सिरमौर के राजीव ठाकुर एकुल्लू के यशपाल शर्मा, लाहुल स्पिति से पालम शर्मा, किन्नौर से राधाकृष्ण, मंडी से तिलक नायक सहित संघ के सभी पदाधिकारियों ने इस नोटिफिकेशन का जिसमें इन शिक्षकों का नियमितीकरण आदेश जारी होने की तिथि से किया है, उसका संघ कड़ा विरोध करता है और सरकार पर शिक्षकों को प्रताड़ित करने वह उनके साथ छलावा करने का आरोप भी लगाता है,

संघ का कहना है कि उक्त शिक्षक 17 सालों से शिक्षा विभाग में सेवाएं दे रहे हैं, पीटीए शिक्षक तो 2015 में अनुबंध पर भी आ गए थे ए अनुबंध कार्यकाल की अवधि 3 वर्ष पूरा होने के उपरांत शिक्षक 2018 से नियमों के तहत नियमित होने चाहिए थे इसमें किसी तरह की कोई भी ऐसी अड्चं नहीं थी जिसके लिए सरकार को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद भी 4 महीने का समय लग गया। संघ ने आरोप लगाया कि सरकार को इन शिक्षकों को वर्तमान तिथि से ही नियमित करना था तो 4 महीने तक किस चीज पर माथापच्ची होती रही यह बात समझ से परे है संघ ने संबंधित शिक्षकों के संगठनों के नताओ को भी इन शिक्षकों को धोखे में रखने का आरोप लगाया।

इन संगठनों के नेता बार-बार इन्हें आश्वासन देते रहे के हमारा नियमितीकरण 2014, 2016 या 2018 से हो रहा है जबकि हिमाचल राज्य अध्यापक संघ इस मुद्दे पर लगातार सरकार व विभाग से संपर्क साधा था और एक दबाव बना रहा था ए लेकिन उक्त नेताओं के बयान बाजी के चलते संघ ने अपना हाथ पीछे कर लिया। लेकिन आज इन शिक्षकों के साथ इतना बड़ा धोखा हिमाचल राज्य अध्यापक संघ को बर्दाश्त नहीं हो रहा है, संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से मांग की है कि उक्त शिक्षकों को पिछली तिथि से कम से कम 2018 से तो नियमित किया जाए वरना संघ को मजबूरन संघर्ष का रास्ता ऐक्तियार करना पड़ेगाए जिसका जिम्मा सरकार का होगा।