राज्य सरकार हिमाचल के सत्त विकास के लिए प्रतिबद्व, प्रदेश को निवेशक मित्र गंतव्य बनाने पर दे रही बल

 

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। राज्य में सत्त और समावेशी सामाजिक-आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से, राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में राइजिंग हिमाचल-ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया, जिसमें लगभग 96,721 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 703 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट की सफलता को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने अब सरकार के तीन साल पूर्ण होने के अवसर पर दुसरे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह आयोजित करने का लक्ष्य रखा है।

प्रदेश सरकार हिमाचल को निवेशक मित्र गंतव्य बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। सत्त विकास में औद्योगिक क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहता है, इसलिए प्रदेश सरकार हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा दे रही है।
प्रदेश सरकार निवेशकों को आकर्षित करने व उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन दे रही है, जिसके परिणाम स्वरूप राज्य में औद्योगिकरण ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। प्रगति की इस यात्रा में हिमाचल ने अपनी पारम्परिक जड़ी बुटियों से आज एशिया के सबसे बड़े फार्मा हब के रूप में पहचान बनाई है। चूना पत्थर के निर्यात से सीमेंट हब, प्रदेश में बहती नदियों के जल से बिजली राज्य बनने तक की यात्रा तय की है। सेब और आड़ू तैयार करके एग्रो प्रोसेसिंग इकाई और शिक्षा के क्षेत्र में गुरूकुल से आरम्भ कर आज शिक्षा के हब के रूप में प्रदेश जाने जाना लगा है। पारम्परिक हैंडलूम से लेकर टेक्सटाईल पार्क तक की यात्रा पूर्ण की है।
प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश मुजारियत तथा भू-सुधार अधिनियम की धारा-118 के तहत अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया का सरलीकरण कर, इसमें आवेदन की प्रक्रिया को आॅनलाइन किया गया है ताकि औद्योगिक विकास की यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए हिमाचल प्रदेश को निवेशक अनुकूल बनाया जा सके। इसके अतिरिक्त प्रदेश में राज्य स्तरीय एकल खिड़की की मंजूरी से भी प्रदेश में निवेशकों के लिए अनुमोदन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाया गया है। सरकार ने विभिन्न नीतियां संशोधित व तैयार की। जिनमें हिमाचल पर्यटन नीति-2019, आई.टी. नीति और आयुष्मान नीति शामिल हैं। इन नीतियों के तहत निवेशकों को विभिन्न सहायता सुनिश्चित की जा रही है। हिमाचल को फिल्म निर्माताओं का पसंदीदा गंतव्य बनाने के उद्देश्य से फिल्म नीति-2019 बनाई गई, जिसके तहत प्रदेश में फिल्म की शुटिंग के लिए अनेक प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया गया है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश औद्योगिक निवेश नीति-2019 बनाई, ताकि मौजूदा उद्योग के लिए स्थानीय निवेशकों के साथ-साथ स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने और पूर्ण औद्योगिक सेवा क्षेत्र के विकास को सुनिश्चित करने के लिए राज्य में और अधिक निवेशकों को आकर्षित किया जा सके।
यह नीति विशेष रूप से औद्योगिक विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करने मंे सहायक सिद्ध होगी। प्रक्रियाओं का सरलीकरण होने से भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचा, मानव संसाधन विकास ऋण और बाजार तक पहंुच सुनिश्चित हुई है। सभी प्रक्रियाओं के डिजीटलीकरण और सर्टिफिकेशन को बढ़ावा देने के लिए ईज आॅफ डूईंग बिज़नस को बढ़ावा मिला है। इस नीति के माध्यम से कृषि-बागवानी और ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी संबंध स्थापित करके खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश औद्योगिक निवेश नीति-2019 का उद्देश्य स्थानीय युवाओं और हितधारकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना और संपूर्ण राज्य में सेवा और औद्योगिक क्षेत्र के सम्मान व सत्त विकास के लिए सूक्षम, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र को बढ़ावा देना है। नीति का उद्देश्य नए उद्यम स्थापित करना व स्थानीय उद्यमशीलता को सृजित कर उन्हें बढ़ावा देना है।
उद्यमिता की सुविधा के लिए, राज्य सरकार ने ईज आॅफ डूइंग बिज़नेस में सुधार किया है। ईज आॅफ डूइंग बिजनेस के तहत हिमाचल प्रदेश ने 17वें स्थान से अपनी यात्रा आरम्भ की और अब देश मंे 7वें स्थान पर है। हिमाचल प्रदेश को ईज आॅफ डूइंग बिजनेस के तहत सुधारों की अपनी यात्रा में असाधारण प्रदर्शन के कारण देश में अग्रणी माना गया है। हिमाचल प्रदेश ने ईज आॅफ डूइंग बिज़नेस में वर्ष 2017-18 में 65.48 प्रतिशत व वर्ष 2019 में 94.13 प्रतिशत की दर प्राप्त कर ईज आॅफ डूइंग बिज़नेस में तीव्रता से बढ़ने वाले राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई है और हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्यों में अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है।
राज्य के शिक्षित युवाओं को रोजगार तलाशने की जगह रोजगार प्रदान  करने केे लिए प्रेरित किया जा रहा है। स्टार्टअप और अभिनव परियोजना को सहायोग देने व युवाओं और संभावित निवेशकों को उद्यमशीलता विकसित करने के लिए कौशल प्रदान करने के लिए राज्य में मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना आरम्भ की गई है। अब तक, राज्य में इस योजना से 1,69,52,648 रुपये की लागत से लगभग 100 लोग लाभान्वित हुए हैं। इस पहल से उद्यमियों को अपने उद्यम सफलतापूवर्क स्थापित करने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान किए जाते हैं।