आनी क्षेत्र का रानिकोट मेला चढ़ा कोरोना की भेंट, मेले में झलकती थी पुरातन संस्कृति 

दीवान राजा \
कुल्लू। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के चलते पूरे देश में मेलों,त्योहारों व उत्सवों पर ब्रेक लगी है । क्षेत्र के आराध्य पनेऊ नाग व कुईंरी नाग के सानिध्य में छः-सात सितंबर को मनाया जाने वाले आनी खण्ड की ग्राम पंचायत कराणा का दो दिवसीय मेला कोरोना के कहर के चलते इस बार नहीं मनाया जाएगा ।
आनी उपमंण्डल के तहत कराणा पंचायत का यह काफ़ी प्राचीन मेला है । मेले में पारम्परिक संस्कृति की खूब झलक देखने को मिलती थी । मेले में एक से बढ़कर एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते थे और देव मिलन का मनमोहक नज़ारा सभी आंखों को नम कर देता था । महिला समेत स्थानीय कलाकार खूबसूरत परिधानों में सजकर पारम्परिक वाद्य यंत्रों की धुनों पर नाटियाँ प्रस्तुत करके मन मोह लेते थे । वहीं, मेलों में जहाँ स्वच्छ्ता, बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया जाता था । मेलों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से कई प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होता था ।
 मेले आपसी प्यार और सौहार्द का प्रतीक होते हैं । ऐसे में मेलों के माध्यम से सालों बाद लोगों को अपने रिश्तेदारों से मिलने का भी मौका मिलता था । जिस वजह से लोग थोड़े मायूस ज़रूर है ।
पनेऊ नाग के कारदार माल सिंह ठाकुर व कुईंरी नाग के कारदार इन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि कोरोना के चलते समस्त मेलों,उत्सवों,त्योहारों पर रोक लगी है । उन्होंने कहा कि पारम्परिक संस्कृति और हमारे अनूठे रीति-रिवाज़ों की वजह से समूचे विश्व मे हमारी एक अलग पहचान है । उन्होंने कहा कि अभी स्तिथियाँ विपरीत हैं ,ऐसे में हम सभी को सरकार के दिशा-निर्देशों का बखूबी पालन करना है।
उन्होंने कहा कि जब हालात और स्तिथियाँ बिल्कुल ठीक हो जाएगी तो हम सब एक बार पुनः बड़े हर्षोल्लास के साथ मेलों,त्योहारों और पर्वों को मनाएंगे ,फ़िलहाल जान है तो जहान है ,इसी सोच के साथ हम सभी को सरकार के साथ खड़े रहना है ।
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