सैंज घाटी के रमेश पालसरा ने प्राकृतिक खेती करके पेश की मिसाल

सैंज घाटी के रमेश ने प्राकृतिक खेती करके पेश की मिसाल
सैंज घाटी के रमेश ने प्राकृतिक खेती करके पेश की मिसाल
दीवान राजा 
आनी। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से जहां पूरी दुनिया प्रभावित है वहीं प्रदेश के किसान बागवानों ने इसे एक अवसर के रूप में लिया । प्रदेश के किसान-बागवानों ने लॉकडाउन के दौरान अपने खेत-खलिहानों,बाग-बगीचों से जुड़कर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया । बता दें,दो वर्ष पूर्व जयराम सरकार द्वारा शुरू की गई प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत हज़ारों किसान जुड़ चुके हैं । किसान बागवानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ।
इसी दौरान लॉकडाउन का फ़ायदा उठाते हुए सैंज घाटी के शेंशर कोठी ग्राम पंचायत देउरीधार के दरमेहढा निवासी व पूर्व प्रधान मान चन्द ठाकुर के बेटे रमेश पालसरा ने अपने खाने के लिए घिये की खेती की थी ।  रमेश ने समय समय पर इसमें गाय का गोबर और गोमूत्र भी डाला । जब घीया बनकर तैयार हुआ तो परिणाम हैरान करने वाले थे । घीये की लंबाई तीन फुट और वजन दस किलोग्राम का पाया गया ।
वहीं,इस बारे आत्मा परियोजना जिला कुल्लू के निदेशक डॉ० सुरेंद्र कुमार ने बताया कि घाटी में इससे पहले इतना बड़ा घीया तैयार नहीं हुआ है । उन्होंने कहा कि यह घाटी उत्पादन की डरिस5 से काफी महत्वपूर्ण है । उन्होंने कहा कि राज्य सरकर भी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है । उन्होंने सभी किसान बागवानों से अधिक से अधिक प्राकृतिक खेती को करने की अपील की है
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