नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत के अनुरूप, भारत के लिए और भारत के लोगों द्वारा बनाई गई नीतिः सुनील आम्बेकर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख और प्रख्यात शिक्षाविद् सुनील आम्बेकर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख और प्रख्यात शिक्षाविद् सुनील आम्बेकर

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

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शिमला। विश्व संवाद केंद्र शिमला द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति  2020 पर फेसबुक लाईव संवाद का आयोजन किया गया। इस लाईव संवाद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख और प्रख्यात शिक्षाविद् सुनील आम्बेकर ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत के अनुरूप, भारत के लिए और भारत के लोगों द्वारा बनाई गई नीति है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति ऐसे समय में आ रही है जब देश में कोरोना महामारी के कारण और चीन के साथ विवाद की घटनाएं हुई हैं।

इस समय देश में ये संकल्प है कि हमें आगे बढ़ना है और आत्मनिर्भर और समृ़द्ध भारत बनाना है। ऐसे में देश को नयी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि चुनौतियों को अवसर में बदलते हुए नयी पीढ़ी को तैयार करने के लिए यह शिक्षा नीति सही समय पर आयी है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति देश के स्वाभिमान, कुशलता और क्षमताओं को पहचानते हुए भविष्य के लिए 21सदी में प्रासंगिक होते हुए तैयार की गयी है।

उन्होंने कहा कि भारत का स्वरूप विविधता वाला है जिसकी अपनी संस्कृति और विशिष्टता है। ऐसे में यह शिक्षा नीति सबको जोड़ने वाले भारतीयता के मूल भाव का समावेष करते हुए एकरूपता को विकसित करने के लिए तैयार की गयी है। उन्होंने कहा कि आज तक अंग्रेजी की अनिवार्यता के कारण बहुत से लोगों की योग्यता का सही प्रकार से विकास नहीं हो पाया। वे लोग विकास की प्रतिस्पर्धा में पिछड़ गये। इस शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं में शिक्षण की व्यवस्था की गयी है ताकि भारतीयता के तत्व को प्रमुखता मिले।

कौशल विकास को मिलेगी प्राथमिकता

सुनील आम्बेकर ने कहा कि देश में अलग-अलग स्थानों की विशेषताओं को देखते हुए उसी के अनुरूप कौशल का विकास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अब तक स्कील डेवलेपमैंट को स्कूली पाठ्यक्रम का अनिवार्य भाग नहीं बनाया गया था लेकिन अब इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा।

अध्यापन प्रशिक्षण की रहेगी अनिवार्यता

आम्बेकर ने कहा कि शिक्षण में अध्यापकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है, इसी बात को देखते हुए नई शिक्षा नीति में अध्यापकों के प्रशिक्षण और योग्यता को विशेष प्रमुखता प्रदान की गयी है। उन्होंने कहा कि इस नीति में यह अनिवार्य किया गया है कि कोई भी अध्यापक बिना प्रशिक्षण के शिक्षण न करे।

शिक्षा नीति में शोध पर भी रहेगा विशेष ब

सुनील आम्बेकर ने बताया कि नई शिक्षा नीति में शिक्षण के साथ शोध को प्रमुखता प्रदान की गयी है ताकि गुणात्मक शिक्षा के लक्ष्य को अर्जित किया जा सके। इसके अतिरिक्त नई शिक्षा नीति में व्यवसायिक कोर्सों, फिल्म, खेल इत्यादि सभी शैक्षणिक पहलुओं को सम्मिलित करके इसमें समग्रता के भाव का समावेश किया गया है।