कांग्रेस में फिर पत्र बगावत: भाजपा में कांगड़ा तो कांग्रेस में उठी मंडी को कमान देने की मांग

इस बार प्रियंका गांधी को पत्र लिख ठाकुर कौल सिंह को प्रदेशाध्यक्ष बनाने की उठाई मांग

वीरभद्र गुट के माने जाने वाले प्रकाश चौधरी, मनसा राम, सोहन लाल,सहित सात लोगों ने लिखा पत्र

देविंदर सिंह 
शिमला। अपनी गुटबाजी के लिए कांग्रेस हमेशा से प्रसिद्ध रही है। ये गुटबाजी और विद्रोह चुनावों से पहले कांग्रेस में जरूर जोरदार ढंग से सिर उठाता रहा है। भाजपा में जहां पार्टी की कमान सबसे बड़े जिले कांगड़ा को देने की बात पिछले दिनों उठती रही तो अब कांग्रेस में भी पार्टी की कमान मंडी जिला को सौंपने की मांग उठने लगी है। हालांकि मांग जिला मंडी से ही उठी है।
यहां एक जिले के पूर्व मंत्री और विधायक से लेकर विधानसभा चुनावों में पार्टी प्रत्याशी व पदाधिकारी रहे कांग्रेस के कुछ लोगों ने एक नया पत्र लिख फिलहाल पार्टी की अंदरूनी बगावत को और हवा दे दी है। इन नेताओं के रुख से लगता है कि वे अब आर-पार की लड़ाई में उतरना चाहते हैं।
हालांकि पिछले दिनों हुए घटनाक्रम का कड़ा संज्ञान लेते हुए  कांग्रेस ने जिला मंडी के दो पूर्व विधायकों सहित 12 नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
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इस बार जिला मंडी के सात नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को पत्र लिख हिमाचल में कांग्रेस की वर्तमान दयनीय हालत के बारे में बताया है। पत्र में साफ तौर पर ठाकुर कौल सिंह को पार्टी की कमान देने की बात लिखी गई है। हालांकि पत्र कब लिखा गया है इस बात का पता नही चल पाया है। पत्र में भी कोई तिथि नही लिखी गई है जिससे पता चल सके कि पत्र कब भेजा गया है।
पत्र लिखने वालों में जहां ठाकुर कौल सिंह की बेटी चंपा ठाकुर शामिल है तो वहीं कभी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र के विश्वासपात्र और उनके घर हाजिरी भरने वाले और पिछली कांग्रेस सरकार में आबकारी एवं कराधान जैसे महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री रहे प्रकाश चौधरी भी शामिल हैं। उनके अलावा पूर्व सीपीएस और पूर्व विधायक ठाकुर सोहन लाल और मनसा राम के अलावा मंडी के पूर्व जिलाध्यक्ष दीपक शर्मा, पवन ठाकुर, लाल सिंह कौशल और जीवन ठाकुर शामिल हैं।

इस बार कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव प्रियंका गांधी को लिखा गया है पत्र
इस बार कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव प्रियंका गांधी को लिखा गया है पत्र
इस सातों लोगों ने प्रियंका गांधी को पत्र लिख कहा है कि कांग्रेस की इस बार की दयनीय हालत का अंदाजा इस बात से लगे जाए कि इस बार जिला मंडी में कांग्रेस का एक भी विधायक नही है। आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है। पत्र में लिखा है कि वर्तमान भाजपा सरकार के मुखिया भी इसी जिले से सम्बन्ध रखते हैं। लेकिन इस बार कांग्रेस की हालत बेहद दयनीय और बुरी हो चुकी है।
पत्र में लिखा गया है कि ठाकुर कौल सिंह ने अपने जीवन के 40 साल पार्टी को समर्पित किये हैं और उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष, तीन बार मंत्री पद सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। साथ वे दो बार कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं। 2012 के चुनावों से ठीक पहले पार्टी की कमान उन्हीं के हाथ में थी और कांग्रेस को सत्तासीन करने के लिये उन्होंने दिन-रात मेहनत की थी। उन्हीं के प्रयासों के फलस्वरूप 2012 के चुनावों में कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया था।
इन लोगों का कहना है कि अब ये समय की मांग है कि कांग्रेस की मजबूती व बेहतरी और पार्टी के उज्जवल भविष्य के लिए पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पद की कमान उन्हें सौंप दी जाए।
इस पत्र के मजमून से साफ है कि फिलहाल जिला मंडी के ये नेता पीछे हटने के मूड में बिल्कुल नही है। जहां भाजपा इस बात से राहत महसूस कर सकती है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के इस दौर में उसे मजबूत विपक्ष की जगह टुकड़ों में बंटी कांग्रेस से फिलहाल कोई खतरा नहीं है तो वहीं प्रदेश के लोग इस बात से चिंतित जरूर है कि उनकी बात सरकार तक पहुंचाने वाला विपक्ष आखिर अपनी आपसी लड़ाई को कब सुलझा पता है। ये अब भविष्य के गर्भ में है कि कांग्रेस अपनी गुटबाजी, आपसी कलह और लड़ाई में ही उलझी रहती है या इस वक़्त कोविड-19 के इस दौर में विपक्ष की सार्थक भूमिका निभा पाने में भी सक्षम हो पाती है।
 

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