करियाला में साधु के स्वांग ने लोगों को किया लोटपोट, प्राचीन संस्कृति का परिचायक करियाला: अतर सिंह

करियाला में साधु के स्वांग ने लोगों को किया लोटपोट
करियाला में साधु के स्वांग ने लोगों को किया लोटपोट

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

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शिमला। भैयादूज के अवसर पर मशोबरा ब्लॉक के गांव पीरन में नवयुवक मंडल द्वारा करियाला का मंचन किया गया । ेंजिसमें युवाओं द्वारा साधु का स्वांग प्रस्तुत करके लोगों को लोटपोट कर दिया । सांस्कृतिक संध्या का आगाज नवयुवक मंडल के कलाकारों ने माता की भेंट से किया गया । करियाला की प्रमुख सूत्रधार चंद्रावली द्वारा अखाड़े का पूजन  करके कलाकारों को अपना आशिर्वाद दिया गया । तदोपंरात मंच पर साधु का स्वांग का प्रदर्शन किया गया जिसमें गुरू गोरखनाथ और उनके शिष्य पूर्वनाथ का संवाद काफी रोचक रहा । स्थानीय प्रधान अतर सिंह ठाकुर ने बतौर साधुओं के साथ विभिन्न सार्थक तथ्यों बारे वाद विवाद किया गया ं। जिसमें  हास-परिहास का लोगों ने भरपूर आन्नद उठाया ।

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गौर रहे कि ग्रामीण परिवेश मंें करियाला कालांतर से लोगों के मनोरंजन का केंद्र रहा है। जिसमें हास-परिहास, व्यंग्य और साधु समाज की क्रियाकलाप इत्यादि समाहित है ं। विशेषकर दिवाली पर्व के दौरान शिमला, सिरमौर और सोलन जिला में करियाला का मंचन अतीत से किया जाता रहा है परंतु आधुनिकता की दौड़ में पुरातन संस्कृति विलुप्त होने के कागार पर आ चुकी है । रेडियो  कलाकार रामलाल वर्मा, सुनील वर्मा, रीतेन्द्र, वीरेन्द्र, नंदलाल ने अपनी सुरीली आवाज से एक से एक नाटियां गाकर और महिला कलाकार किरण और मनीषा तोमर ने नाटियां पर नृत्य करके लोगों को नृत्य करने पर मजबूर कर दिया । प्रकाश वर्मा ने मंच का सफल संचालन किया गया ।

इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पंचायत प्रधान अतर सिंह ठाकुर ने कहा कि भैयादूज पर पीरन में पीठासीन देवता जुन्गा के नाम पर  कालांतर से इस मेला आयोजन किया जाता रहा है । सबसे पहले स्थानीय लोगों द्वारा ढोल नगाड़ों के साथ शोभा यात्रा अर्थात जातर निकाली जाती है । कहा कि पिछले 20 वर्षों के अंतराल के उपरांत इस वर्ष करियाला का मंचन किया गया । जिसका उददेश्य युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति का बोध करवाना है । वरिष्ठ नागरिक दौलत राम वर्मा का कहना है  कि इस प्राचीन मेले  को देखने दूर दूर से लोग आते है । गांव की विवाहित बेटियां भी भैयादूज पर अपने कुलदेवता का आर्शिवाद पाने के लिए आती है ।