नई शिक्षा नीति को हिमाचल में लागू करने के लिए राजकीय अध्यापक संघ ने लिया दस सदस्य कमेटी बनाने का निर्णय

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। बीते मंगलवार को राजकीय अध्यापक संघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक वेबीनार के माध्यम से संपन्न हुई जिसकी अध्यक्षता संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने  की। इस वेबीनार में लगभग ढाई सौ शिक्षकों ने भाग लिया जिसमे प्रमुखता मुख्य संरक्षक अरुण गुलेरिया संरक्षक विजय गोस्वामी , अजीत चौहान महासचिव श्यामलाल हांडा , वित्त सचिव देवराज ठाकुर , वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव ठाकुर ,मुकेश शर्मा ,उपाध्यक्ष रमेश किमटा, मुख्य प्रेस सचिव कैलाश ठाकुर महिला विंग अध्यक्षा कविता विजलवान, उपाध्यक्षा रीना भारद्वाज , एन पी एस विंग अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ,उपाध्यक्ष हाकम राणा ,जिला सिरमौर के अध्यक्ष राजीव ठाकुर , चंबा के अध्यक्ष हरिप्रसाद , मंडी के अध्यक्ष तिलक नायक,  कुल्लू के अध्यक्ष यशपाल शर्मा , शिमला के अध्यक्ष महावीर कैंथला , हमीरपुर के अध्यक्ष सुनील शर्मा , ऊना के अध्यक्ष डॉक्टर किशोरी लाल शर्मा , बिलासपुर के अध्यक्ष  राकेश संधू  सहित  जिलो के  महासचिव  वित्त सचिव  एवं खंडो के  प्रधान विशेष रूप से उपस्थित रहे।

       बैठक के दौरान सभी जिलाध्यक्षो, खंड अध्यक्षों एवं राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों ने नई शिक्षा नीति हिमाचल प्रदेश में लागू करने पर सरकार का जहां एक और आभार व्यक्त किया वही ज्यादातर सदस्यों ने इसे लागू करने के लिए बनाई गई टास्क फोर्स में हिमाचल प्रदेश के अंदर शिक्षकों के सबसे बड़े संगठन हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ से कोई भी सदस्य  मनोनीत ना करने पर जहां एक और हैरानी व्यक्त की ,वहीं यह भी चिंता जाहिर की गई कि प्रदेश के अंदर यदि शिक्षा नीति को शिक्षक एवं शिक्षार्थी हित में लागू करना है तो बिना शिक्षक संगठनों के सुझाव के बगैर इसे किसी भी सूरत में अपने आप में परिपूर्ण नहीं समझा जा सकता । संघ के पदाधिकारियों ने इस बात को लेकर जहां अपनी नाराजगी व्यक्त की वही किस तरह से यह नीति पहली शिक्षा नीति से बेहतर बन सके,  उसका क्या प्रारूप होना चाहिए इसके लिए सभी सदस्यों ने ध्वनि मत से हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के द्वारा एक अलग से टास्क फोर्स  यानी नई शिक्षा नीति को हिमाचल में लागू करने एवम  उसके प्रावधान पर संघ की ओर से 10 सदस्य  कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया।
     कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर संघ इस नीति की व्यापकता एवं सार्थकता पर  अलग-अलग  जगह कार्यशाला का आयोजन करेगा जिससे पूरे प्रदेश में शिक्षकों को जागरूक किया जा सके।  साथ ही जो रिपोर्ट संघ के द्वारा तैयार की जाएगी उसे सरकार के समक्ष सुधार हेतु प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही कल की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सरकार को संघ की और से डिमांड चार्टर प्रस्तुत करना है, उसमें कौन-कौन सी मांगों को क्रमबद्ध एवं प्राथमिकता के आधार पर शामिल किया जाए, इसके साथ ही बैठक में शिक्षक नेताओं ने 2 साल से प्रधानाचार्य की पदोन्नति ना होने एवं अन्य विषय के अध्यापकों की पदोन्नति न  होने पर नाराजगी व्यक्त की गयी और सरकार से सभी वर्गों के शिक्षकों की पद्धतियां करने की मांग भी  की है।
        इसके अलावा बैठक में कोविड-19 के चलते स्कूलों में प्रभावित हो रही बच्चों की पढ़ाई को  कैसे और बेहतर बनाया जाए उसके ऊपर भी चर्चा की और घर-घर पाठशाला कार्यक्रम में खामियों के ऊपर भी बात हुई क्योंकि इसके अंतर्गत वक्ताओं  के द्वारा चुनिंदा मनपसंद विषय को ही कम समय के लिए लिया जा रहा है जो कि बच्चों के सिलेबस को पूरा करने के लिए काफी नहीं है । साथ ही बैठक के द्वारा सभी शिक्षकों से आह्वान किया गया कि वह बच्चों की पढ़ाई को अपनी प्राथमिकता देते हुए हर संभव प्रयास करें जिससे बच्चों के  साल भर  के नुकसान की भरपाई की जा सके।
Ads