विपक्ष की चिंता छोड़ विकास का फर्ज निभाएं सरकार- राणा

सुजानपुर से कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा
सुजानपुर से कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

हमीरपुर। राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर विपक्ष से ज्यादा प्रदेश में ठप्प पड़े विकास की चिंता करें और यह समझें कि प्रदेश की जनता ने बीजेपी को विपक्ष की चिंता के लिए नहीं विकास के लिए चुना है। राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कोई भी गैर-जिम्मेदाराना बयान पद की मर्यादा व छवि को धूमिल करता है। लोकतंत्र में विकास कार्यों की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की रहती है, जबकि विकास की पैरवी करना विपक्ष का राजनीतिक धर्म व दायित्व है।

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राणा ने कहा कि प्रदेश की जनता ने विपक्ष को सड़कें ठीक करने की निर्माण एजेंसी के तौर पर नहीं चुना है। जिस दायित्व के निर्वहन के लिए विपक्ष को चुना गया है उसी दायित्व के मुताबिक विपक्ष प्रदेश की बदहाल सड़कों को ठीक करने की पैरवी कर रहा है। राणा ने कहा कि प्रदेश में विकास कार्य पूरी तरह से ठप्प पड़े हैं। नाबार्ड व केंद्र की मदद से जो हाईवे ठीक होने चाहिए, उनको भी सरकार ठीक नहीं करवा पा रही है। विभाग में ठेकेदारों का राज चल रहा है। सत्ता के धौंस और दबाव में सड़क निर्माण कार्यों में निर्माण गुणवत्ता को ताक पर रख कर ठेकेदार लॉबी बारे न्यारे कर रही है, जबकि सड़कों पर गड्ढों का साम्राज्य फल-फूल रहा है।

उन्होंने कहा कि जब प्रदेश के हाईवे ही बद से बदत्तर हालात में हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें तो पूरी तरह बर्बाद हो कर खड्डों-नालों का रूप ले चुकी हैं। भगवा ब्रिगेड ठेकेदारों की जमात केंद्र और नाबार्ड से मिल रहे सड़कों को ठीक करने के करोड़ों के बजट से अपनी तिजोरियां भर रहे हैं और मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि सड़कों से ज्यादा विपक्ष की हालत खराब है। कोरोना के कहर से खुदकुशी के मामले निरंतर बढ़ रहे हैं, लेकिन सरकार जश्नों मे व्यस्त है और आदमी का जन जीवन मंहगाई और महामारी के बीच अस्त-व्यस्त और त्रस्त है, जबकि सड़क पर चलने की बजाय हैलीकॉप्टर की अभ्यस्त है।

राणा ने सलाह दी है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सत्ता के आवेश में गैर-जिम्मेदाराना बयान देकर अपनी जिम्मेदारी व जवाबदेही से नहीं बच सकते हैं। प्रदेश सरकार को बताना ही होगा कि निरंतर खराब हो रहे सड़कों के मूलभूत ढांचे की जिम्मेदारी आखिर है किसकी?