सौर ऊर्जा से घटी खेती की लागत, किसानों को बड़ी राहत

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

हमीरपुर। फसल विविधीकरण के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने तथा युवा पीढ़ी को खेती के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी यानि जाइका की सहायता से प्रदेश के विभिन्न जिलों में चलाई जा रही हिमाचल प्रदेश फसल विविधिकरण प्रोत्साहन परियोजना के बहुत ही सराहनीय परिणाम सामने आ रहे हैं। फसल विविधीकरण प्रोत्साहन के अलावा परियोजना क्षेत्रों में सिंचाई सुविधाओं पर भी विशेष बल दिया जा रहा है।
खेती की लागत कम करने तथा किसानों की आय दोगुणा करने की दिशा में जाइका परियोजना बहुत ही सराहनीय कार्य कर रही है। परियोजना के तहत हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना जिले में क्रमश: 31, 20 और 19 उठाऊ सिंचाई परियोजनाएं बनाई गई हैं। इन कुल 70 उठाऊ योजनाओं के माध्यम से किसानों को सिंचाई सुविधा मिल रही है तथा वे नकदी फसलों की भरपूर पैदावार कर रहे हैं।
कृषक विकास संघों के माध्यम से संचालित की जा रही सिंचाई योजनाओं का खर्चा कम करने के लिए जाइका परियोजना के माध्यम से एक विशेष पहल की गई है और सिंचाई योजनाओं को सौर ऊर्जा से संचालित करने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। अभी तक हमीरपुर जिला की 12, बिलासपुर की 11 और ऊना की 10 सिंचाई योजनाओं को सौर ऊर्जा से जोड़ा जा चुका है। जाइका परियोजना के माध्यम से इन पर लगभग पांच करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
परियोजना निदेशक डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि जाइका के अंतर्गत बनाई गई उठाऊ सिंचाई योजनाओं को कृषक विकास संघों के माध्यम से संचालित किया जा रहा है और इनका खर्चा संघ ही वहन करते हैं। उठाऊ सिंचाई योजनाओं का खर्चा कम करने के लिए इन्हें सौर ऊर्जा से जोड़ा जा रहा है। इससे किसानों को बहुत बड़ी राहत मिल रही है। वे कम खर्चे में अधिक पैदावार ले रहे हैं। डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि किसानों की आय दोगुणा करने की दिशा में जाइका परियोजना की इस पहल के बहुत ही अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।

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