लोकप्रिय होने लगी मुख्यमंत्री एक बीघा योजना, आनी विकास खंड में 102 आवेदन योजना के तहत स्वीकृत

लोकप्रिय होने लगी मुख्यमंत्री एक बीघा योजना
लोकप्रिय होने लगी मुख्यमंत्री एक बीघा योजना
आदर्श हिमाचल ब्यूरो 
आनी। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की इस साल मई महीने में लांच की गई महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री एक बीघा योजना महिलाओं को भाने लगी है। अकेले आनी विकास खंड के तहत अभी तक योजना के तहत 102 आवेदन स्वीकृत कर दिए गए हैं। दो माह में ही इतने आवेदन स्वीकृत होने से इस योजना की लोकप्रियता का आंदाजा लगाया जा सकता है। योजना के बारे में विभिन्न स्वंय सहायता समूह लगातार जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। वहीं विकास खंड कार्यालय आनी और खंड के तहत आने वाली पंचायतों के प्रतिनिधि इस योजना पर महिलाओं को जानकारी दे रहे हैं ताकि महिलाएं इस योजना के बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर लाभ ले सकें। इसके चलते ही इस योजना का लाभ लेने के लिए विकास खंड में लगातार आवेदन आ रहे हैं। स्वीकृत आवेदनों के अलावा दर्जनों आवेदनों को स्वीकृत करने की प्रक्रिया चल रही है।
खंड विकास अधिकारी जीसी पाठक का कहना है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए महिलाएं पंचायतों और खंड विकास कार्यालय आनी में संपर्क कर सकती हैं। कोरोना महामारी में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया जा सके इस उद्देश्य के साथ सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों के पुनरूत्थान के लिए मुख्यमंत्री एक बीघा योजना मई माह में इस साल आरम्भ की है। इस योजना में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को जोड़कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की परिकल्पना की गई है। इस योजना के तहत एक महिला या उसका परिवार जिनके पास एक बीघा तक की भूमि है, वह सब्जियों और फलों को उगाने के लिए बैकयार्ड किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं।
योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित पंचायतें प्रस्ताव प्राप्त करने के बाद  उनको मनरेगा शैल्फ में शामिल करने के लिए खंड विकास अधिकारी को भेजेंगी। इस योजना का उद्देश्य मनरेगा और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का अभिसरण कर ग्रामीणों को किचन गार्डनिंग के लिए प्रोत्साहित करना है। स्वयं सहायता समूहों को इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा। सभी स्वयं सहायता समूह जो जॉब कार्ड धारक हैं, वह इस योजना के तहत एक लाख रुपए का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के तहत लगभग 1.50 लाख महिला सदस्यों को लाभान्वित किया जाए।

 योजना के मुख्य बिंदु

इस योजना के अंतर्गत किचन गार्डन बनाने के लिए 1 लाख रुपए तक के कार्य ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा संगठित स्वंय सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के लिए मनरेगा योजना में पूर्व अनुमोदित एवं स्वीकृत किए गए हैं। भूमि सुधार, नर्सरी उत्पादन, पौधारोपण, केंचुआ खाद, गड्डा निर्माण, अजोला पिट निर्माण, जल संरक्षण संरचना निर्माण इस योजना के तहत अनुमोदित कार्य हैं।

योजना के लिए पात्रता

संबंधित महिला एवं परिवार के पास कृषि योग्य भूमि हो एवं हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण विकास विभाग हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत बने स्वंय सहायता समूह की सदस्य हो एवं मनरेगा जॉब कार्ड धारक हो।
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