उपलब्धि: पहले ही प्रयास में कुमारसैन की ऋचा ने उत्तीर्ण की एम्स की परीक्षा, नर्सिंग अफसर के रूप में एम्स दिल्ली में देगी सेवाएं

ऋचा
ऋचा
दीवान राजा 
शिमला। भारत के छोटे से राज्य हिमाचल की बेटियों की सफ़लता की कहानियां बहुत विशाल है । धरती से आसमान तक हिमाचल की बेटियों की कामयाबी के तराने गूंज रहे हैं । बेटी है अनमोल इस कहावत को आज हिमाचल की बेटियों ने हर क्षेत्र में खरा उतरकर सफलता की उड़ानें भरी है । ऐसा ही कुछ कारनामा कर दिखाया है जिला शिमला के कुमारसैन उपमंडल की शलौटा पंचायत के पावछी गांव की ऋचा भारद्वाज ने ,जिन्होंने एम्स में अपने वर्ग में पूरे देश में 62 वां जबकि आल ओवर 674वां स्थान हासिल करके पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाया है । किसान परिवार में 21 अप्रैल 1997 को यशपाल भारद्वाज और जोगिन्द्रा भारद्वाज के घर जन्मी बेटी ऋचा भारद्वाज ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय विद्यालय ग्लानी से ग्रहण करने के बाद दसवीं व जमा दो की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कुमारसैन सी उत्तीर्ण की।  इसके बाद ऋचा ने शिमला के नर्सिंग कॉलेज अनाडेल से नर्सिंग की पढ़ाई पूरी की।
अब ऋचा एम्स में बतौर नर्सिंग ऑफिसर के रूप में सेवाएं देगी ।ऋचा ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय माता-पिता को देते हुए कहा कि माता पिता ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया और हर ज़रूरत को पूरा किया । ऋचा वर्मा ने कहा कि उनके मन मे बचपन से ही कुछ अलग कर गुजरने का एक सपना था जिसके लिए वह कड़ी मेहनत करती रही । उन्होंने कहा कि समाज में बेटियों पर लोग गर्व कर सकें इसके लिए वह हमेशा ही प्रयास करती रही । ऋचा भारद्वाज ने कहा कि अगर मन मे दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास जो तो कोई भी लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नहीं है। यही कारण है कि ऋचा ने बिना किसी कोचिंग के पहले ही प्रयास में यह परीक्षा उत्तीर्ण की।  उन्होंने कहा कि हमारे समाज में बेटियों के प्रति व्याप्त रुढ़िवादी मानसिकता में बदलाव लाकर ही समाज को नई दिशा दी जा सकती है।  उन्होंने कहा कि आज देश की बेटियां और महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान दे रही हैं।
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