सुक्खु हो गए हैं मानसिक तनाव के शिकार – टेक चंद डोगरा

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। कांग्रेस के पूर्व विधायक एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री रंगीला राम राव व पूर्व मुख्य ससंदीय सचिब  टेक चंद डोगरा ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के उस बयान पर जिसमें उन्होंने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष को किसी भी कार्यकर्ता को कोई भी नोटिस देने या पार्टी से बाहर करने का कोई अधिकार ही नही है पर तीब्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि ऐसा लगता है कि सुक्खू मानसिक तनाव का शिकार हो गए है।
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उन्होंने कहा है कि अगर ऐसा नही है तो उन्हें अपना कार्यकाल को याद करते हुए कांग्रेस पार्टी के संविधान को फिर से पड़ लेना चाहिए।उन्होंने कहा है कि अपने अध्यक्ष पद के कार्यकाल में जिस प्रकार से उन्होंने उन्हें कांग्रेस पार्टी से बगैर किसी नोटिस, जवाब तलब के बाहर किया था,उस समय उन्होंने कोंन सा आधार अपनाया था। उन्होंने सुक्खू से पूछा है कि वह बताए कि उन्होंने अपने अध्यक्ष के कार्यकाल में  पार्टी नेताओं के अतिरिक्त 175 से अधिक कार्यकर्ताओं को पार्टी से किस आधार पर बाहर किया था।यहां तक कि  एनएसयूआई के दो अध्यक्षों को भी किस आधार पर पद से हटाया गया था।
    कांग्रेस नेताओं ने सुक्खू को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि वह अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा के चलते प्रदेश में पार्टी को कमजोर करने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं।उन्होंने कहा है कि आज देश मे सोनिया गांधी, राहुल गांधी जिस ढंग से पार्टी की मजबूती के लिए काम कर रहें है ठीक उसके विपरीत प्रदेश में कुछ पार्टी नेता अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा के लिए समांतर बैठके कर प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ अनाप शनाप बयानबाजी कर पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, जोकि बहुत ही अफसोसजनक है।
राव व डोगरा ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर के नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस पार्टी मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है।आज सब नेता एक मंच पर खड़े है।हाल ही में पार्टी के जनांदोलनों में जिस प्रकार लोगों को भीड़ जुटी है उससे साफ है कि प्रदेश में मजबूत नेतृत्व के साथ लोग खड़े है। ऐसे में प्रदेशाध्यक्ष के खिलाफ कोई भी बयानबाजी सहन नही की जा सकती। इन नेताओं ने प्रदेशाध्यक्ष से साफ कहा है कि पार्टी के भीतर किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त न किया जाए,और अगर ऐसा कोई करता है तो उसके खिलाफ नियमों के तहत कड़ी कार्यवाही की जाए वह चाहे किसी भी स्तर का वरिष्ठ नेता या कार्यकर्ता ही क्यों न हो।

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